लाडकी बहिन योजना का रजिस्ट्रेशन जल्द होने वाला है बंद, मंथली 1500 रुपये पाने के लिए फटाफट करें अप्लाई
Ladki Bahin Yojana
MMLBY Deadline: महाराष्ट्र में जुलाई 2024 से लागू लाडकी बहिन योजना के तहत 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों की 21 से 65 साल की आयु की महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये की आर्थिक मदद सीधे उनके खाते में ट्रांसफर की जाती है.
Ladki Bahin Yojana Last Date, MMLBY: मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना (हिंदी में मेरी प्यारी बहिन योजना) के लिए एनरोलमेंट कराने की डेडलाइन बेहद करीब है. जिन महिलाओं ने अबतक इस योजना का लाभ पाने के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है उनके पास कल यानी 15 अक्टूबर 2024 तक समय है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने इसी साल राज्य की महिलाओं के लिए सीएम माझी लाडकी बहीण योजना शुरू की है. योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक मदद देने का प्रावधान है.
कल तक अप्लाई करने का है मौकाशुरुआत में इस योजना के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 31 अगस्त थी. लेकिन महिलाओं की बढ़ती प्रतिक्रिया को देखते हुए आवेदन जमा करने की तारीख बढ़ाकर 31 सितंबर तक कर दी गई थी. हालांकि कई महिलाओं ने कुछ वजहों से इस डेडलाइन के भीतर भी रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकीं. ऐसी महिलाओं को एनरोलमेंट कराने के लिए 15 अक्टूबर तक की मोहलत दी गई है.माझी लाडकी बहीण योजना के लिए कैसे करें अप्लाई
माझी लाडकी बहीण योजना के लिए अबतक राज्य की जो महिलाएं ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रही हैं, वे आंगनवाड़ी सेवक, पर्यवेक्षक, मुख्य सेवक, सेतु सुविधा केंद्र, ग्राम सेवक, समूह संसाधन व्यक्ति (सीआरपी), आशा सेवक, वार्ड अधिकारी, सीएमएम (शहर मिशन प्रबंधक), मनपा बालवाड़ी सेवक, हेल्प रूम प्रमुख या आपके सरकार सेवा केंद्र से संपर्क कर सकती हैं. यहां ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन करने की सुविधा उपलब्ध है.
- इस आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. आवेदक का नाम, जन्म तिथि और पता आधार कार्ड के अनुसार सही भरा जाना चाहिए. बैंक विवरण और मोबाइल नंबर भी सही भरें.
- माझी लाडकी बहीण योजना के लिए कौन कर सकता है अप्लाईमहाराष्ट्र की निवासी महिलाएं इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए योग्य हैं
- आवेदक को महाराष्ट्र राज्य की स्थायी निवासी होना चाहिए.महिला आवेदक की उम्र 21 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए.सभी विवाहित, अविवाहित, तलाकशुदा और गरीब महिलाएं योग्य हैं.आवेदक के नाम पर किसी भी बैंक में एक बैंक खाता होना चाहिए.
- आवेदक के परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.इन दस्तावेंजों की पड़ेगी जरूरतआधार कार्डपहचान पत्र या प्रमाण पत्रबैंक खाताजाति प्रमाण पत्रनिवास प्रमाण पत्रउम्र का प्रमाणराशन कार्ड
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पासपोर्ट साइज फोटोआय का प्रमाण (पीले और नारंगी राशन कार्ड धारकों को आय का प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं है.)निवास प्रमाण पत्रजन्म प्रमाण पत्रमतदाता पहचान पत्र
अबतक मिली इतनी किस्तें
महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना (MMLBY) के तहत लाभार्थी महिलाओं को पहली दो किस्तें अगस्त में, तीसरी किस्त सितंबर से मिलनी शुरू हुई है. यानी अबतक ज्यादातर लाभार्थी महिलाओं को इस योजना के तहत तीन किस्तों में 4,500 रुपये मिल चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अक्टूबर और नवंबर महीने की किस्तें एक साथ मिलने वाली हैं.
सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन द्वारा इस साल जुलाई में शुरू की गई लाडकी बहिन योजना के तहत 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों की 21 से 65 साल की आयु की महिलाओं को मंथली 1,500 रुपये की आर्थिक मदद सीधे उनके खाते में ट्रांसफर की जाती है. इस साल जुलाई से स्कीम को लागू करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के बजट में 46,000 करोड़ रुपये आवंटित किए.
योजना पर विपक्ष ने उठाए सवाल
इस बीच महायुति सरकार की लाडकी बहिन योजना को लेकर महाराष्ट्र में सियासी बयानबाजी भी शुरू है. एनसीपी (एससीपी) के मुखिया शरद पवार ने रविवार को महायुति सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यह महिलाओं के साथ में बहुत बड़ा धोखा है. महाविकास अघाड़ी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेताओं से लाडकी बहिन योजना की वजह से सरकारी खजाने पर पड़ने वाले बोझ के बारे में सवाल किया गया.
इस मामले पर बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि महिलाओं के आत्मसम्मान को बढ़ाने के लिए स्कीम को लागू किया जाता है तो हम भी उसको खुलकर सपोर्ट करते हैं और सबसे बड़ा सवाल अभी यही है कि यह स्कीम स्थायी है या अस्थायी है. इस तरह की स्कीम की घोषणा की जाती है तो राज्य सरकार के बजट में प्रावधान किए जाते हैं. बजट में इसका सही तरह से कोई भी प्रावधान साफतौर पर नहीं है. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि यह स्कीम केवल एक चुनावी अभियान है l
हमें भरोसा है कि यह महिलाओं के साथ एक तरह से धोखा है. वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 8 अक्टूबर को राज्य सरकार पर विधानसभा चुनाव से पहले विज्ञापनों के जरिए फर्जी कहानियां गढ़ने का आरोप लगाया था.